अवैध राष्ट्र ने की फिलिस्तीन अर्थ व्यवस्था चौपट ।
ग़ज़्ज़ा में मौजूद लकड़ियों की क़ीमत आसमान छू रही है काम न होने के कारण कारीगरों को नौकरी से निकाला जा रहा है हालत बहुत कठिन हैं यह समझों कि इस क्षेत्र के सिर्फ ५% लोगों के पास काम है ।

विलायत पोर्टल :
अवैध राष्ट्र फिलिस्तीनी नागरिको की ज़िन्दगी में ज़हर घोलने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने देता ।

लकड़ी पर लगाये गए प्रतिबंध के कारण फिलिस्तीन के लकड़ी व्यापारी तथा मछुआरों की ज़िन्दगी पर बन आई है । वह नई कश्ती या लांच बनाने में समर्थ नहीं हैं यहाँ तक कि पुरानी कश्ती की मरम्मत करने में भी असमर्थ हैं ।
ग़ज़्ज़ा की हालत बहुत संगीन हो गयी है ज़ायोनी शासन ने लकड़ी को भी प्रतबंधित चीज़ों में शामिल कर दिया है ।

ग़ज़्ज़ा में अब लकड़ी भी ले जाने की इजात नहीं है अवैध राष्ट्र का कहना है कि प्रतिरोधी आंदोलन इन लकड़ियों को सुरंगे बनाने में प्रयोग करता है ।
ग़ज़्ज़ा के बढ़ई का काम करने वाले ऐमन मूसा ने कहा कि हमारे पेशे में लकड़ी की आवश्यकता होती है लेकिन अवैध राष्ट्र के प्रतिबंध के कारण हमारा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है । ग़ज़्ज़ा में मौजूद लकड़ियों की क़ीमत आसमान छू रही है काम न होने के कारण कारीगरों को नौकरी से निकाला जा रहा है हालत बहुत कठिन हैं यह समझों कि इस क्षेत्र के सिर्फ ५% लोगों के पास काम है ।

एक मछुआरे ने कहा कि लकड़ी का प्रयोग बहुत कामों में होता है जिसमे से एक हमारा पेशा भी है । लकडी पर प्रतिबंध के कारण कोई नई नाव नहीं बन सकती पुरानी नौकाओं की मरम्मत नहीं हो सकती किसी लांच का निर्माण नहीं हो सकता। हम पहले जो लकड़ी { अलवार} १७ मिलियन में खरीदते थे वह आजकल ६० मिलियन में मिल रही है ।
हमारी ज़रूरत का अगर एक भी सामान न मिले तो हमारा काम रुक जाता है जब तक नई लांच न हो तो हम काम नहीं कर सकते ।
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तसनीम