अगर आयतुल्लाह सीस्तानी न होते तो इराक का नामो निशान मिट जाता : हादी अल आमेरी
हम गंभीर संकट में थे, एक ओर अखंड , अविभाजित इराक था, तो दूसरी ओर आतंकियों के अधीन टुकड़ों में बँटा इराक, इस मुश्किल घडी में आयतुल्लाह सीस्तानी के फतवे ने देश की रक्षा की ।

विलायत पोर्टल :
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वंयसेवी बल हश्दुश शअबी के वरिष्ठ कमांडर तथा बद्र मूवमेंट के जनरल सेक्रेटरी हादी अल आमेरी ने कहा कि अगर आयतुल्लाह सीस्तानी फतवा न देते तो आज इराक का नामो निशान मिट जाता ।
आमेरी ने कहा कि सबने मान लिया था कि इराक मिट जायेगा, बस उस से जुडी यादें रह जायेंगी, आतंकवादी शक्तियाँ अपने उद्देश्य में सफल हो जायेंगी और इराक टुकड़ों में बँट जायेगा ।
हमारे विरुद्ध सोशल वॉर छेड़ दिया गया था, इस क्रम में भारी आर्थिक मदद और मीडिया युद्ध चल रहा था, लेकिन आयतुल्लाह सीस्तानी के एक फतवे ने पासा पलट दिया, अगर यह फतवा न होता तो इराक़ नष्ट हो जाता । हम आज इस विजय की मुबारकबाद देते हैं और इस विजय का सेहरा जिस के सर है और जो इस बधाई का पात्र है वह आयतुल्लाह सीस्तानी हैं ।
शहीदों के परिवार इस जीत पर बधाई के पात्र हैं अगर शहीदों का खून न होता तो यह विजय प्राप्त नहीं की जा सकती थी ।
हादी अल आमेरी नजफ़ प्रान्त में कुछ कबीलों की ओर से दाइश के विरुद्ध मिली जीत पर मनाये जाने वाले समारोह में बोल रहे थे ।
उन्होंने आयतुल्लाह सीस्तानी की आवाज़ पर लब्बैक कहने के लिए देश वासियों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हम गंभीर संकट में थे, एक ओर अखंड , अविभाजित इराक था, तो दूसरी ओर आतंकियों के अधीन टुकड़ों में बँटा इराक, इस मुश्किल घडी में आयतुल्लाह सीस्तानी के फतवे ने देश की रक्षा की ।
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