बहरैन, अल विफाक़ का ऐलान लोकसभा और निकाय चुनाव का करेंगे बहिष्कार
बहरैन इतिहास के सबसे भयावह और काले दौर से गुज़र रहा है 2011 से अब तक सैंकड़ों लोगों को बर्बरता के साथ शहीद किया जा चुका है, 1500 बच्चों और 330 महिलाओं समेत हज़ारों लोगों को गैर क़ानूनी तरीके से बंधक बना कर रखा गया है जिन्हे कड़ी यातनाओं से गुज़रना पड़ रहा है ।
विलायत पोर्टल :
प्राप्त जानकारी के अनुसार बहरैन के सबसे बड़े राजनैतिक तथा देश की जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले दल अल विफाक़ ने ऐलान ने किया है कि हम देश में होने वाले औपचारिक चुनावों का बहिष्कार करेंगे
। अल विफाक़ के उप प्रमुख हुसैन अल दैही ने कहा कि देश में तानाशाही अपने चरम पर पहुँच चुकी है
अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता है ना राजनैतिक स्तर पर कोई आज़ादी , लोगों को विरोध जताने का भी अधिकार नहीं रह गया है, भेदभाव का शिकार लोगों को बलपूर्वक कुचला जा रहा है और हालात दिन प्रतिदिन और बिगड़ रहे हैं। बहरैन इतिहास के सबसे भयावह और काले दौर से गुज़र रहा है
2011 से अब तक सैंकड़ों लोगों को बर्बरता के साथ शहीद किया जा चुका है, 1500 बच्चों और 330 महिलाओं समेत हज़ारों लोगों को गैर क़ानूनी तरीके से बंधक बना कर रखा गया है जिन्हे कड़ी यातनाओं से गुज़रना पड़ रहा है
। बहरैन में लोकतंत्र बहाली और तानाशाही के विरुद्ध 50 हज़ार से अधिक धरने प्रदर्शन और रैलियां हो चुकी हैं लेकिन हमारी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है बल्कि आले खलीफा तानाशाही 700 से अधिक लोगों की नागरिकता रद्द कर चुकी है।
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