इस किताब को लिखने का मुख्य कारण बल्ख़ शहर के रहने वाले एक बुज़ुर्ग सय्यद शर्फ़ुद्दीन अबू अब्दिल्लाह मोहम्मद इब्ने हुसैन थे, जो नेमत के नाम से मशहूर थे, इन्होंने शैख़ सदूक़ र.ह. ले कहा था कि मोहम्मद इब्ने ज़करिया की डाक्टरी के विषय पर मन ला यहज़ोरोहुत-तबीब किताब की तरह अहकाम और शरई मसाएल के लिए एक किताब लिखें, ताकि वह लोग जिनके आस पास कोई फ़क़ीह मुज्तहिद नहीं है वह इस किताब में बताए गए अहकाम पर अमल कर सकें।
3/12/2018 7:28:26 PM
अल-काफ़ी के पहले हिस्से जिसे उसूले काफ़ी कहा जाता है उसमें अक़ाएद के 8 विषय पर हदीसों को बयान किया है सबसे पहले अल-अक़्ल वल जहल, फिर फ़ज़्लुल् इल्म, इसके बाद अल-तौहीद, फिर अल-हुज्जत, इसके बाद अल-ईमान वल कुफ़्र, फिर अल-दुआ, इसके बाद फ़ज़्लुल्-क़ुर्आन और फिर अल-इशरह।
दूसरे हिस्से फ़ुरू-ए-काफ़ी में जैसा कि बयान किया गया कि अहकाम और फ़िक़्ह से संबंधित हदीसें हैं और इस किताब का यही हिस्सा सबसे बड़ा है जिसमें 26 अहम जैसे तहारत, नमाज़, रोज़ा, हज, ज़कात, ख़ुम्स और निकाह वग़ैरह के विषय पर हज़ारों हदीसें बयान की गई हैं।
2/17/2018 4:53:38 PM
“अबक़ातुल अनवार” मौलवी अब्दुल अज़ीज़ देहलवी की किताब “तोहफ़ा-ए-इसना अशरिया” के सातवें अध्याय के जवाब में लिखी गई है जिसमें मौलवी अब्दुल अज़ीज़ देहलवी ने अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अ. की इमामत पर शिया द्वारा दिए जाने वाले तर्कों और दलीलों को नकारा था। अल्लामा मीर हामिद हुसैन अपनी इस किताब में इमामत के दर्शन को रौशन करके यह समझाने की कोशिश करते हैं कि वास्तविक इस्लाम वह नहीं है जो ख़लीफ़ाओं के दरबारों में प्रचलित था। आपने अपनी इस किताब में देहलवी की एक एक बात का करारा और तर्कसंगत जवाब दिया है।
7/31/2016 6:05:38 PM
एक बहुत ही अहेम और क़ीमती किताब जो कि इस साल महान आलिमे दीन ह़ज़रत आयतुल्लाह जवादी आमुली के क़लम से लिखी गई है। और जिसका ईरान मे पब्लिक की तरफ़ से बहुत ज़्यादा स्वागत हुआ है। और अब तक उसकी लाखों कापियां बिक चुकी हैं, उसका नाम मफ़ातीहुल ह़यात है। आयतुल्लाह जवादी आमुली का मानना है कि जिस तरह़ शेख़ अब्बास क़ुम्मी रह़मतुल्लाह अलैह ने मफ़ातीहुल जेनान लिखी जिसका मतलब जन्नत की कुंजियाँ हैं और यह इंसान के आध्यात्मिक और ह्रार्दिक सम्बंध को अल्लाह से जोड़ने के अलावा दुआवों और मुनाजात की किताब कहलाती है लेकिन मफ़ातीहुल ह़यात नामक किताब इंसान के ख़ुद अपने और लोगों से सम्पर्क को उजागर करती है इस किताब की हर घर में सख़्त ज़रूरत महसूस की जा रही थी।
7/23/2016 10:47:34 PM
मफ़ातीहुल जेनान यानी जन्नत की कुंजियां, शियों के यहां दुआओं की सबसे प्रचलित किताब का नाम है जिसे शेख अब्बास क़ुम्मी ने संकलित किया है। यह किताब दुआओं, मुनाजातों, ज़ियारतों, साल और महीने और दिनों के विशिष्ट अमल और इबादत, धार्मिक शिष्टाचारों व संस्कारों का संग्रह है और यह सब रसूले इस्लाम स. और इमामों से उल्मा से बयान किया है।
7/23/2016 10:32:38 PM
नहजुल बलाग़ा के महत्व के लिए यही काफी है कि इसे क़ुरआने मजीद के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कलाम कहा गया है। इसलिए कि क़ुरआन और नहजुल बलाग़ा दोनों का रास्ता एक ही है, क़ुरआने करीम का काम भी हिदायत व मार्गदर्शन करना है और नहजुल बलाग़ा का भी।
12/10/2015 9:22:00 AM